Sunday 20 August 2017

भारत के 5 सबसे भूतिया स्थान


हमारे भारत में बहुत ऐसे रहस्य दबे हुए हैं। जिनका भेद  समय - समय पर खुलता  गया। उन्ही रहस्यो के पीछे कुछ  आस्चर्य  करने वाली कहानियां है कुछ ऐसे स्थान जहाँ कुछ असाधारण  प्रक्रिया देखी व महसूस  की गई है।  ऐसे ही कुछ स्थानो के बारे में कही गई सच्ची घटनाए व इनकी वास्तविक्ता से परिचित कराएंगे। है 

1. भानगढ़ का किला।
यह  एक रहस्य्मयी किला जो राजस्तान में स्थित है यह 17वी शताब्दी में राजा मान सिंह ने निर्माण करवाया था। राजा मान सिंह की एक पुत्री थी उसका नाम रत्नावती था।  राजकुमारी बहुत ही सुन्दर थी जब राजकुमारी 
18 वर्ष की हो गई तब वह अपनी सखी  के साथ बाजार में इतर लेने गई।  बाजार में जादूगर की नजर राजकुमारी पर पड़ गई और राजकुमारी वह राजकुमारी को पाने के लिए उस पर काला जादू करने लागा।  लेकिन उसका जादू उस पर उल्टा पड़ गया और वह स्वं के जादू का शिकार हो कर मर गया  लेकिन जाते जाते उसने इस सुन्दर भानगढ़ की बर्बादी का श्राप दे गया।  सयोंग से कुछ समय बाद भानगढ़ का पडोसी राज्य अजबगढ़ उस पर आक्रमण कर देता है व सभी  भानगढ़ वासी मारे जाते है व 300 साल पुराना भानगढ़ खंडर में बदल गया। 
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने  किले में सूर्यास्त के बाद प्रवेश वर्जित किया  है।






2. दमास बीच
दमास बीच वैसे तो पहले से ही हिन्दुओं का दहा संस्कार का स्थल था। कहते है यहाँ कई आत्माओं का वास है।
 स्थानीय लोगो का मानना है यहाँ रात होते होते रोने चिल्लाने की आवाज़े आने लगती है।  यह स्थल सूरत से १० कि. मी. की दुरी पर है वैसे तो यह तट बहुत की खूबसूरत है परन्तु रात को जो भी वहां गया वापिस नहीं आया ऐसे वहां के लोगों का कहना है।  



3. शनिवारवाड़ा

शनिवारवाडा महाराष्ट्र क पुणे में स्थित है इसका निर्माण 1732 में मराठा राजा पेशवाओं ने करवाया था।  किले के अंदर कुछ आवाज़ें आती है जिसे वहाँ  के  लोग नारायणराव की आवाज़ें बताते है।   माधवराव की मृत्यु का बाद नारायणराव को पेशवा सम्राट बना दिया गया था।  परन्तु ये बात उसके चाचा रघुनाथराव को बिलकुल भी

पसंद नहीं थी। रघुनाथराव ने नारायणराव की हत्या अपने ही सैनिक द्वारा करवा दी थी।  कई लोगो का मानना है की नारायणराव को मरने से पहले अपनी मृत्यु का आभास हो गया था ओर  उसने अपनर चाचा को आवाज़ लगाई थी " चाचा माला बचवा " और उसकी हत्या कर दी गई थी।  तभी से वहाँ  चिल्लाने की आवज़े सुनाईओ देती है जो नारायणराव की है ।   


4. टनल NO. 33(बरोग टनल )
टनल no. 33 कालका से शिमला जाने वाले रेलवे मार्ग पर जो की बरोग रेलवे स्टेशन के पास  स्थित है।  इस टनल के पीछे एक रहस्य्मयी घटना घटित है।  कर्नल बरोग जो की एक ब्रिटिश इंजीनियर था उसे इस टनल का काम ब्रिटिश गवर्नमेंट ने सौंपा था कर्नल बरोग ने पहाड़ी के दोनों छोर पर निशान लगते हुए मजदूरों को खुदाई का काम सोप दिया।  खुदाई तो हुई परन्तु  दोनों छोर आपस में मिल नहीं पाए।  मजदूरों ने कर्नल को खरी खोटी सुनाई व ब्रिटिश गवर्नमेंट ने कर्नल पर 1 रुपये का जुर्माना ठोक दिया।  कर्नल बेइज्जती बर्दास्त नहीं कर पाए व उन्होंने थीक टनल के सामने आत्महत्या कर ली।  कर्नल की आत्महत्या के बाद यहाँ उसका प्रेत दिखाई देता है और अभी तक मौजूद है। 




5. सेवॉय होटल (मंसूरी)

सेवॉय होटल मंसूरी की खूबसूरत वादियों  में बहुत की खूबसूरत ढंग से
बना हुआ एक होटल है।  इसका निर्माण 1902 में हुआ था।यह अपने टाइम में एक बेहतरीन होटल हुआ करता था उस समय के हिसाब से यह होटल एक कल्पना हुआ करता था इसका अपना पोस्ट ऑफिस भी था।   इस होटल के अध्याय में भी एक काल अध्याय जुड़ा हुआ।  1911  में एक ओल्ड लेडी जिसका नाम फ्रांसिस गारमेंट ऑर्मे था  उसकी रहस्येमयी तरीके से मृत्यु हो गई होटल के एक कमरे में उसकी कुज दिनों बाद लाश बरामद हुई।  ऑर्मे की मृत्यु के बाद उस होटल में लोगो का रह्स्यामयी तरीको से गायब होना शुरू हो गया। कुछ ही समय बाद होटल पर ताला लगा दिया गया जो अब जाकर  ITC WELCOME GROUP  ने सन 2009 में खोला।  




  


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